Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya | बल्ब का आविष्कार किसने किया था?

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Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya : बल्ब का आविष्कार के बाद दुनिया को एक नई रौशनी मिली है पहले के समय में लोग मिट्टी के दिया सरसों तेल या मिट्ठी का तेल (किरोसिन) डालकर उसी के रौशनी से अपनी रात बिताते थे लेकिन ये चीजें खतरनाक थी ज्यादा समय तक ये सब हम इस्तमाल नहीं कर सकते थे

फिर खोज होने लगा की दिन तो ठीक है पर रात में ज्यदा प्रकाश के लिए कुछ नया तरीका की खोज होने लगी आज के समय में बिजली के बल्ब के प्रकाश से हम अपनी रात बिताते है इतना बदलाव जो बिजली पर अपने घर में बल्ब से जो प्रकाश फैलती है

उस प्रकाश से हम अपने कामो का अंजाम देते है आज के समय में कुछ और भी नए बल्ब आ चुके है जैसे- CFL BULB, LED BULB इत्यादी बहुत प्रकार के बल्ब मार्केट में उपलब्ध है ये सभी बल्ब से कम बिजली लगती है और रौशनी ज्यादा मिलता है। 

बल्ब का आविष्कार के कारण आज दुनिया में उजाला हुआ अब लोगो को अंधेरे से नही डरते है लेकिन क्या आपको मालूम है कि बल्ब का आविष्कार किसने और कब किया अगर नही जानते है तो पोस्ट को अंत तक पढ़ें।

बल्ब का आविष्कार किसने किया था?

बल्ब का आविष्कार एक अमेरिकन विज्ञानिक थॉमस ऐल्वा एडिसन “Thomas Alva Edison” द्वारा हुआ था बल्ब बनाने में बहुत लोगो ने योगदान दिया एडिसन ने केवल बल्ब का ही आविष्कार नहीं किया बल्कि वे बल्ब के आलावा 1091 प्रकार के छोटे-बड़े उपकरणों का अविष्कार किया। जैसे ग्रामोफोन, मोशन पिक्चर कैमरा, कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर, एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी इत्यादी और भी शामिल हैं।

एडिसन ऐसे विज्ञानिक थे जो अमेरिका में सबसे ज्यादा अविष्कार में उनका नाम सबसे ऊपर है।

बल्ब का आविष्कार किसने किया था?Thomas Alva Edison

बल्ब का आविष्कार कब हुआ?

इलेक्टिक बल्ब का आविष्कार 18 अक्टूबर 1879 थॉमस ऐल्वा एडिसन का आविष्कार किया गया। इस आविष्कार में अनेको विज्ञानिको ने प्रयास किया था लेकिन एडिसन खोज सफल रहा।

बल्ब का आविष्कार कैसे हुआ?

आज से 200 वर्ष पहले बल्ब का आविष्कार करने का विचार सबसे पहले English Chemist Humphrey Davy के दिमाग में आया था। उन्होंने दिखाया था की दो तारो के बीच प्रवाह से तार गर्म होकर कैसे रौशनी पैदा करती है। उन्होंने इस तकनीक को बनाया था यह उपकरण घण्टो तक चल पाता था।

उस समय US ले इन्वेस्टर थॉमस ऐल्वा एडिसन ने पूरी दुनिया मे carbon filament light bulb लोगो के बीच लाया। इस लाया जिसके कारण बल्ब के आविष्कार करने का पूरा क्रेडिट एडिसन को जाता है।

एडिसन ने एक ऐसी तरकीब निकाली जिसने thin carbon filament के साथ बेहतर design का उपयोग करते थे जिसमें की बेहतर vacuums का इस्तमाल किया गया जो की आगे चलकर दोनों scientific और commercial challenges को ख़त्म करने में सफल रहा तथा अंत में light bulb बनकर तैयार हुआ

LED Bulb का आविष्कार किसने किया?

एलईडी बल्ब का आविष्कार सन 1962 में अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘जनरल इलेक्ट्रिक’ में काम करने वाले इंजीनियर निक होलोनाइक ‘Nick Holonyak’ ने किया था। आज के समय मे LED Bulb Ka Aavishkar ke 59 वर्ष हो चुके है आज भी इस बल्ब का आविष्कार का श्रेय एडीसन को दिया जाता है।

बल्ब का इतिहास

आज हम ऐसे विज्ञानिक के बारे में जानने वाले है जिनकी वजह से दुनिया को एक नई रौशनी मिली। जी हा आप सही समझ रहे है हम थॉमस ऐल्वा एडिसन “Thomas Alva Edison” की बारे में बात कर रहे है। थॉमस ऐल्वा एडिसन दुनिया के सबसे महान प्रायोगिक विज्ञानिक थे।

इनका जन्म 11 फ़रवरी 1847 को अमेरिका के Ohiyo राज्य में हुआ था और उनका मृतु 18 अक्टूबर 1931 माना जाता है कि इनका मौत हार्ड अटैक के कारण हुआ था। एडिसन पिता का नाम Samuel Ogden Edison बचपन में एडिसन के परिवार बहुत गरीब था।

एक बार एडिसन स्कूल से घर पहुचे और अपने माँ को एक चिट्ठी देते हुए बोले यह चिठ्ठी मैडम ने दिया है और कहा है कि इसे केवल अपनी माँ को ही देना एडिसन की माँ ने चिठ्ठी लिया और पढने लगी पढने के बाद एडिसन के माँ के आखो से आसू आने लगा एडिसन चौक गया और माँ से पूछा माँ रो रही हो क्या लिखा है।

चिट्ठी में फिर उसकी माँ मने बोली की इस चिठ्ठी में लिखा है की आपका बच्चा बहुत ही समझदार है बहुत ही बुद्धिमान है हमारे हिसाब से इतना तेज बच्चे के लिए हमारा स्कूल बहुत छोटा है और वह इतना तेज है कि उसकी बुद्धिमता के लिए हमारे पास इतने काबिल शिक्षक भी नहीं है जो एडिसन को उसकी बुद्धिमता के हिसाब से पढा सके इसलिए एडिसन को घर पर ही पढाये माँ में एडिसन को एक पुस्तक दिया।

जिसमे कई सारे रासानिक प्रयोग दिए हुए थे एडिसन को ये पुस्तक बहुत अच्छी लगी और उसने अपना सारा पैसे रसायनों पर खर्च कर दिया और सारा प्रयोग कर डाले कुछ दिन बाद एडिसन की माँ की मृतु हो गयी फिर एडिसन अकेला हो गया है। एक दिन एडिसन बक्से में पुरानी कुछ पुस्तक को देख रहा था तभी उनकी नजर उस चिठ्ठी पर जो मैडम ने दिया था एडिसन ने चिठ्ठी को पढना शुरू कर दिया।

जब उसने चिठ्ठी पढ़ी हक्के – बक्के रह गए हकीकत में उस चिठ्ठी में लिखा था की आपका बेटा दिमागी रूप से बीमार है अब हम इसे और नहीं पढ़ा सकते है। इसलिए हम इसे स्कूल से निकाल रहे है कृपया आप उसे घर पे ही पढ़ना शुरू कर दीजिये। इस चिठ्ठी को पढने के बाद एडिसन बहुत चिंतित हुआ और उन्होंने ठान लिया की उनको साबित करना है की वह सबसे काबिल है।

उन्होंने स्कूल छोड़ने के बाद भी यह महान वैज्ञानिक ने अपना पढाई और विज्ञानिक प्रयोग जरी रखे वह बहुत मेहनत करते है 12 साल के उम्र में एडिसन एक ट्रेन में सफ़र कर रहे थे। उनके पास कुछ रसायन थे जो ट्रेन के डिब्बे में गिर गए जिसके कारण डिब्बे में आग लग गयी जिसे कारण ट्रेन के कंडेक्टर ने एडिसन को जोर से चाटा लगा दिया।

जिसके कारण एडिसन को सुनने के क्षमता बहुत ही कम हो गयी और अपनी इस समस्या को अपनी वरदान समझा क्योकि उनका कहना था की यह प्रयोग करते समय एक आकात्रता बनी रहती है। बचपन में प्रयोग जरी रखने के लिए एडिसन को पैसे की जरुरत थी पैसे कमाने के लिए उन्होंने ट्रेन में अखबार और सब्जियाँ बेचते थे।

उन्होंने 15 वर्ष के आयु में एक पुराना Printing Press ख़रीदा और वे पत्रिका विकीहेरद छपते थे और उसका वितरण वे खुद ही करते थे उसका वितरण वे स्टेशान और घर-घर जाकर बेचते थे। जब उनका प्रयोग पूरा होने को होता तो वे लगातार चार-चार दिनों तक बिना सोये लगे रहते थे। कभी-कभी वे काम में इतना ब्यस्त हो जाता थे की अपना खाना भी भूल जाते थे।

सन 1879 से 1900 तक लगभग वे सारी खोजे कर चुके थे और वे वैज्ञानिक के साथ-साथ एक अमीर क्यापरी भी बन चुके थे। एडिसन ने कुछ दिन बाद अपनी ही फैक्ट्री में काम करने वाली “Mary Stilwell” शादी कर ली दो बच्चे हुए। दोनों बच्चों का नाम अपने पुराने टेलीग्राफ के दिनों के सम्मान में ‘डाॅट’ और ‘डैश’ रख दिया।

कुछ दिन बाद एडिसन के पहली पत्नी का मृतु हो गया ये बात 1884 की है एडिसन ने दूसरी शादी 1884 में कर ली उनका दूसरी पत्नी का नाम “Mina Miller” था। एडिसन ने अपने 8 साल और 10 लाख डॉलर उन्होंने बिजली स्टोर करने वाली बैटरी में लगा दिए थे।

जो कारो में प्रयोग किया जाता था एडिसन को पहली खोज पे उनको लगभग 40,000 डॉलर मिले थे। अगर उसी को आज के समय में 7 लाख 50,000 डॉलर के बराबर है एडिसन लगभग 17 घंटे अपने वर्कशॉप (Library) में बिताते थे। अलेख्जेदर द्वारा बनाये गए टेलीफ़ोन में एडिसन ने उसमे बहुत सुधर किया।

टेलीफ़ोन के आवाज ज्यदा दूर से कोई व्यक्ति बात करे तो आवाज बहुत कम सुनाई नहीं देती इसका सुधर एडिसन ने ही किया था,एडिसन से ही दुनिया का पहला कैमरा बनाया था जिससे एक बार में 25 चित्र खीच सकते थे।

मै निशांत सिंह राजपूत इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ, अगर मै अपनी योग्यता की बात करू तो मै MCA का छात्र हूँ.

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