MCC Full Form in Hindi | एमसीसी क्या है? इसका फुल फॉर्म जानिए

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MCC Full Form in Hindi

MCC Full Form in Hindi : आज हम जानेंगे कि MCC का फुल फॉर्म क्या होता है? आपने कभी न कभी इसके बारे में जरूर सुना होगा अगर आपको इलेक्टिकल में रुचि है ये पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि ऐसे प्रश्न अक्सर इंटरव्यू में पूछे जाते है।

यह इंड्रस्टीज क्षेत्र के लिए जरूरी पैनल होता है जो कंपनी का प्रोडक्ट निकालने के लिए सभी मशीनों को चलाता है और सभी प्रकार मोटर जो मशीन में होते उसका पॉवर MCC Panel से ही मिलता है।

इसके अलावा एमसीसी शब्द का इस्तेमाल क्रिकेट का मैदान हो बैंक हो या मेडिकल आदि में सुनने को मिलता है लेकिन क्या आपको एमसीसी का पूरा नाम पता है अगर नही तो इस पोस्ट को पर बने रहे इसमे इसके बारे में पूरी जानकारी मिलेंगी बड़ी बड़ी कंपनियों में एमसीसी के लिए एक क्षेत्र दिया जाता है।

जहां पर सभी प्रकार के मोटर्स को कंट्रोल और ऑपरेट किया जाता है इसके अलावा एमसीसी के अनेको कार्य है जो हम इस पोस्ट में बिस्तर से जानेंगे कि MCC Full Form क्या होता है तथा एमसीसी का कार्य क्या है?

MCC क्या है? – MCC Meaning in Hindi

MCC इंडस्ट्रीज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है इंडस्ट्रीज क्षेत्रों में अलग अलग प्रकार के मशीनें होती है जो इलेक्ट्रिक मोटर के द्वारा चलती है इसे हम कह सकते है कि यह  इलेक्टिकल से एनर्जी से मेकेनिकल एनर्जी में रूपांतर करती है।

इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने के लिए पावर व कंट्रोल कनेक्शन किया जाता है इसके बाद ही इलेक्ट्रिक मोटर को अच्छे के कंट्रोल किया जाता है एमसीसी के बाहरी भाग में एक ब्रेकर लगा होता है जिसे हम Air Circuit Breaker कहाँ जाता है और इसमे जो पावर सप्लाई आती है।

वह PCC (Power Control Center) आती है फिर पावर सप्लाई ब्रेकर से होते हुए एमसीसी के दूसरे फिटर पर जाती है।

MCC Full Form in Hindi

MCC का फुल फॉर्म “Motor Control Center” होता है जिसका हिंदी मतलब मोटर नियंत्रण केंद्र कहा जाता है एमसीसी एक तरह का इलेक्ट्रिक मोटर कंट्रोल यूनिट होता है बड़ी बड़ी इंड्रस्टीज में इसका एक क्षेत्र निर्धारित होता है।

MCC Full Form – Motor Control Center

यहाँ से इंड्रस्टीज में जितने भी मशीनें होती है जो इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा चलती है उसे मोटर कंट्रोल सेंटर द्वारा कंट्रोल किया जाता है इसमे अनेको सेक्सन होते है जिसमे हर एक मोटर का कंट्रोल पावर होता है यह सेंटर आज के जमाने का थ्योरी है।

जिसमें अनेको प्रकार के मोटर स्टाटर का यूज किया जाता है मोटर पॉवर सेंटर का पावर नियत्रंण 440 vac और कंट्रोल वोल्टेज 230 या 110 वाल्ट होता है PLC और DCS से कनेक्शन करके इसे ऑटो व मैन्युअल दोनों में ऑपरेट किया जा सकता है।

MCC Full Form अन्य क्षेत्र में

इलेक्ट्रिक क्षेत्र में MCC Full Form समझ गए होंगे अब अन्य जैसे, Society, Academic, Electrical, Cricket, Engineering, Bank आदि क्षेत्रो में एमसीसी का पूरा नाम जानने के लिए नीचे देख सकते है।

MCC Full Form In society

Metropolitan Community Church

In academic & science

Meter Configuration Code

In electrical

Motor Control Center

In cricket

Melbourne Cricket Club

In bank

Multi City Cheque

In College

Manchester Community College

In Academic & Science

Manchester Community College, Manchester Community College

In pharmacy

Medicines Control Council

In civil engineering

Motor Control Center

In telecommunications

Mobile Country Code

In aviation

Multi Crew Coordination, Multi Crew Co-operation

MCC Panel Components

जैसा कि हमे पता चला गया है कि एमसीसी पैनल काफी पावर फूल पैनल होता है इसके बारे में औऱ अच्छे से समझने के के लिए हमे एमएमसी पैनल के सभी पार्ट्स के बारे में जानना बहुत जरूरी है खासकर उनलोगों को जो ज्यादेतर इंटरव्यू देते रहते है तो आइये जानते है इसके सभी कॉम्पोनेन्ट के बारे में।

Circuit Breaker

एमएमसी पैनल में सर्किट ब्रेकर का कार्य प्रमुख होता है जैसे कि हम जानते हैं कि अगर पैनल के अंदर बहुत सारे फीडर होते है अगर हम उसके कार्य करना है तो पैनल को ON/OFF या Shortdown कर सकते है।

Bus Bar 

बसबार का सेक्सन पैनल के ऊपर या नीचे दिया रहता है इसकी साइज एम्पियर क्षमता के हिसाब से होती है ज्यादेतर  0.8 square mm के बराबर 1 एम्पेयर के जाना जाता है बसबार incoming फीडर के outgoing फीडर से कंनेट होता है।

FD Main Switch

सभी प्रकार के फीडर में एक मेन स्विच होती है जिसमे sfu mccb mpcb या mcb का इस्तेमाल किया जाता है इसका इस्तेमाल फीडर का कनेक्सन चालू या बंद करने में होता है।

Contactor

सभी फीडर के अंदर मोटर की क्षमता के आधार पर उसका पावर कंनेट होता है जैसे, के DOL Starter में एक पॉवर कॉन्टैक्टर होता है और Star Delta Starter में तीन पावर कॉन्टैक्टर होते है इसके अलावा कंट्रोल कॉन्टैक्टर का इस्तेमाल भी किया जाता है।

Control Transformer

सभी प्रकार एमसीसी पैनल में हर एक सप्लाई के लिए स्टेप डाउन ट्रांसफर का इस्तेमाल किया जाता है अधिकांस इसकी सप्लाई 230 व या volt  होती है इसकी सप्लाई से पूरी motor control center panel कंट्रोल से होता है पैनल में उपयोग किये गए स्विच गियर जैसे की ब्रेकर, कॉन्टैक्टर, मल्टी फक्शन मीटर, इंडिकेटर जैसे इक्विपमेंट्स को energize करने के लिए उपयोग होता है।

Over Load Relay

वैसे तो रिले कई प्रकार की होती है लेकिन इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक मोटर की सुरक्षा के लिए होता है जैसे कि, 1 bi metal रिले होती है और एक MPD मोटर प्रोटेक्शन डिवाइस होती है Over Load Relay आसान भाषा मे बताये तो इसका इस्तेमाल मोटर को सुरक्षा देने के लिए किया जाता है।

Timer

Star Delta Starter में Timer का इस्तेमाल किया जाता है इसका प्रमुख कार्य मोटर की 80% स्पीड होने के बाद स्टार से डेल्टा को कमांड देना होता हैइसके अलावा अर्थिंगबस, कंट्रोल एंड पावर वायरिंग, कंट्रोल एंड पावर टर्मिनल स्ट्रिप, ऑन ऑफ़ ट्रिप इंडिकेशन, सिलेक्टर स्विच, कंटोल फ्यूज एवं mcb जैसे कॉम्पोनेन्ट एमसीसी पैनल में होते हे।

MCC Panel Maintenance

इलेक्टिकल में एमसीसी पैनल का मेंटेनेंस कैसे किया जाता है अक्सर एमसीसी का मेंटेनेंस का समय निश्चित होता हैअधिकांश 1 वर्ष में एक ही किया जाता है जब प्लांट में वार्षिक छुट्टी होता है अगर आप किसी इंड्रस्टीज मे मेंटेनेंस डिपार्टमेंट में जाना चाहते है तो ये आपके लिए है इसके बारे में नीचे बताया गया है।

  • सबसे पहले एमसीसी के अलग अलग डिपार्टमेंट में पर्मिसन लिया जाता है खासकर प्रोडक्शन डिपार्टमेंट से उसके बाद incoming पावर सप्लाई isolate किया जाता है।
  • फिर एमसीसी पैनल के अलग अलग पार्ट को वैक्यूम क्लीनर से साफ किया जाता है।
  • बसबार की जॉइंट की टाइटनेस को अच्छे से चेक की जाती है जरुरत पड़ने पर जॉइंट ओपन करके स्मूथ एमरी पेपर लगाकर CRC से क्लीन करके दुबारा टाइट किया जाता हे।
  • एमसीसी पैनल के कंट्रोल और पवार दोनों को अच्छी से चेक किया जाता है।
  • CT और PT की कंडीशन भी चेक किया जाता है जिसमे ओवर हीटिंग एवं लूज़ कनेक्शन चेक किया जाता है।
  • पैनल के ऑपरेशन शटर एवं डस्ट एंड वर्मिन प्रूफ की कंडीशन भी चेक किया जाता है।
  • Indicating lamp एवं Meter की स्थिति चेक की जाती है।
  • न्यूट्रल लिंक आइसोलेट करके बसबार का इंसुलेशन रेजिस्टेंस को भी देखा जाता है कि कोई प्रॉब्लम तो नही है।
  • एमसीसी पैनल को अच्छी तरह चेक करने के बाद चैम्बर, केबल चैम्बर में अच्छी तरह से सभी चीजें देखा जाता है कि चीज छूट न जाए उसके बाद सभी चीजों को दुबारा सेट करने के बाद बंद किया जाता है।

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मै निशांत सिंह राजपूत इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ, अगर मै अपनी योग्यता की बात करू तो मै MCA का छात्र हूँ.

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